Wednesday, June 14, 2023

जूडो और कराटे में क्या अंतर है? इसका इतिहास भी जाने?

 जूडो और कराटे में क्या अंतर है? इसका इतिहास भी जाने? 2023

Judo aur karate me kya antar hai? iska itihas bhi jaane?


आज की इस संघर्ष भरी दुनिया में अपनी सुरक्षा तथा दूसरों की सुरक्षा पर एक अहम मुद्दा बन जाता है! जूडो तथा कराटे दोनों ही जापानी मार्शल आर्ट हैं जो कि आत्मरक्षा से संबंधित एक खेल भी बन चुके हैं!




 क्षेत्रीय स्तर तथा विश्व स्तर पर आज जूडो कराटे इस तरह से फैल चुका है कि इस पर कई तरह के आयोजन भी आयोजित होते हैं!


क्योंकि आत्मरक्षा भी एक प्रकार की ऐसी कला है जो कि सभी को शायद नहीं आती है और इसीलिए आज जूडो कराटे  स्वयं की सुरक्षा तथा अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एक अहम शिक्षा का महत्व ही बताता है!



जूडो एक प्रकार की जापानी आत्मरक्षात्मक कला है जिसमें से जूडो का अर्थ होता है- नरम या कोमल,अर्थात इस कला में अपने प्रतिद्वंदी पर इस प्रकार का प्रहार किया जाता है कि अपनी आत्मरक्षा भी हो जाए तथा उस पर कोई आक्रमण  का प्रहार भी ना हो!


वहीं अगर अब कराटे के अर्थ के बारे में बात की जाए तो इसमें करा का अर्थ होता है- खाली और ते का अर्थ होता है- हाथ,


 अर्थात खाली हाथों से जब अपनी आत्मरक्षा की जाती है तो इस कला को हम कराटे कहते हैं यह भी आत्मरक्षा की एक विशेष प्रणाली है और इसे खेल के रूप में भी शामिल किया गया है!



चलिए जूडो और कराटे के इतिहास को समझते हैं!


जूडो और कराटे की शुरुआत कब और किसने की?



 

दोस्तों जापान में एक युवक जिसका नाम था- Daw Kano Zigoro ने सन् 1882 में इस मार्शल आर्ट जैसी प्राचीन तथा लड़ाकू खेल कहे जाने वाले इस खेल की शुरुआत की थी!


 जिसका प्रचलन धीरे-धीरे पूरे जापान में फैलता चला गया और फिर यह कला आत्मरक्षा की एक प्रमुख प्रणाली के रूप में शामिल कर ली गई तथा इसे एक खेल की भी मान्यता दे दी गई!



कराटे की शुरूआत जापान के ओकिनावा नामक जगह से माना जाता है। कराटे की शुरुआत जापान में 19वीं से बीसवीं शताब्दी के बीच में ही शुरुआत हो गई थी 

इसके जनक वहीं के रहने वाले एक जापानी व्यक्ति जिनका नाम गिचिन फुनाकोशी था, उन्होंने की थी।


जूडो तथा कराटे सीखने के लाभ? 




जूडो तथा कराटे आत्मरक्षा के लिए प्रथम एवं आवश्यक खेल है!


जूडो तथा कराटे से शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूती प्राप्त होती है!


जूडो तथा कराटे शरीर को लचीला बनाता है!


जूडो तथा कराटे सीखने से शरीर में स्फूर्ति आती है!


इसे किसी भी उम्र से सीख सकते हैं लेकिन सामान्यता इसे सीखने की शुरुआत आप 5 से 6 वर्ष की उम्र में भी की सकते हैं!


जूडो तथा कराटे आपका आत्मविश्वास बढ़ाता है!


किसी भी समूह या उसका नेतृत्व करने की क्षमता प्रदान करता है!


आपका मन सक्रिय तथा शांत रहता है!


आपकी एकाग्रता वाली क्षमता भी बढ़ जाती है!


जूडो तथा कराटे सीखने से आपका शरीर सुडौल भी बन जाता है तथा आपके अच्छी खासी  पर्सनालिटी के मालिक हो जाते हैं।

No comments: